Thursday, May 3, 2012

शायरी

जन्नत से दूर किसी को जाना नहीं
मुशील यह रहा कभी आसन नहीं
दुनिया भूल सकती हूँ इस पे कोई शक नहीं
तुम से इतना प्यार क्यों है इसका कोई जवाब नहीं!!!

छोड़ चुकी में सब कुछ तेरे लिए
जानू तुम हो सिर्फ मेरे लिए
दिल  यह बना है तेरे लिए
अपना  बनालो इसे मेरे लिए!!!!

जोगन बनी फिरू में इस महफ़िल में
दर्द दुनिया की सेहन लू इस दिल में
मुश्किले नहीं रहे  साथ चलें में
करीब आ के मिलालो आपनी नाज़ुरों को मेरी नजूरो में!!!!



 

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